बीएड और डीएलएड कर रहे छात्रों के एक बहुत बड़ी खुशखबरी आई है के अब आपको टीचिंग एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) के देने के लिए पूरा कोर्स नहीं करना होगा। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है जिसके मुताबिक़ अब प्रथम सेमेस्टर के छात्र भी इस टेस्ट को देने के लिए योग्य माने जायेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि परसुइंग शब्द का अर्थ है एक व्यक्ति जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स में एडमिशन ले चुका है अर्थात प्रशिक्षणरत है। परीक्षा परिणाम की घोषणा, परीक्षा में भाग लेना या फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आदि टीईटी (TET) में भाग लेने के मापदंड नही हो सकते। इसलिए अब एक उम्मीदवार जो शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स कर रहा है वो टीईटी में बैठने के लिए पात्र होगा।’ और अब इस फैसले के बाद TET की गाइड लाइन में डीएलएड (Deled) या बीएड (B.ed) आदि शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स की अंतिम वर्ष की बाध्यता केंद्र व राज्य सरकारों को हटानी पड़ेगी।
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